ACHA OR BURA
हर खाई को पाटा जाये.
हर इक का ग़म बाँटा जाये.
वो ग़लती हम भी कर सकते,
बच्चों को क्यों डाँटा जाये.
सोच मुनाफ़ा औरों का तो,
तेरा भी सब घाटा जाये.
शाखायें ही काटें-छांटें,
पेड़ न...
हर इक का ग़म बाँटा जाये.
वो ग़लती हम भी कर सकते,
बच्चों को क्यों डाँटा जाये.
सोच मुनाफ़ा औरों का तो,
तेरा भी सब घाटा जाये.
शाखायें ही काटें-छांटें,
पेड़ न...