एक शायर की जिंदगी
रात भर कागज़ और कलम से जंग करके
एक शायर,
सुबह, कैसे किसी को सलाम कर सकता है
खुद की दुनिया मे जो जीता हो मलंग बनके
वो...
एक शायर,
सुबह, कैसे किसी को सलाम कर सकता है
खुद की दुनिया मे जो जीता हो मलंग बनके
वो...