मनुष्य😊
ये देखा जाता है कि पश्चाताप वो ही करते हैं,
जो मनुष्य यथार्थ कृत्यों से परे होकर चलते हैं,
जीवन में वो मनुष्य अत्यधिक पीड़ा सहते है,
जो आत्मबोध की पराकाष्ठा को क्षीण कहते हैं।
तो सुनो आत्मबोध कर यूं ही चलते चलो,
फिर अपने भविष्य में पीड़ा तुम क्यों सहो,
यदि यथार्थ ध्यान रख कर्म करोगे हमेशा,
तो फिर तुम भविष्य के पश्चाताप से न डरो।
आओ आपको महाभारत काल ले चलते हैं,
पितामह भीष्म की...
जो मनुष्य यथार्थ कृत्यों से परे होकर चलते हैं,
जीवन में वो मनुष्य अत्यधिक पीड़ा सहते है,
जो आत्मबोध की पराकाष्ठा को क्षीण कहते हैं।
तो सुनो आत्मबोध कर यूं ही चलते चलो,
फिर अपने भविष्य में पीड़ा तुम क्यों सहो,
यदि यथार्थ ध्यान रख कर्म करोगे हमेशा,
तो फिर तुम भविष्य के पश्चाताप से न डरो।
आओ आपको महाभारत काल ले चलते हैं,
पितामह भीष्म की...