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जीना है तो मुस्कुराना होगा ...
गमों की दास्तां तो जमाना सुनता है,
हर कोई तुम्हारी खुशी में खुश नहीं होगा,
इसलिए जीना है तो मुस्कुराना होगा।
हर जुबां में शहद नहीं मिलेगा,
लफ्ज़ जो भी पत्थर सा चुभेगा,
टूटकर बिखर जाएगा हृदय
अगर आईने सा होगा,
जीना है तो मुस्कुराना होगा।
गैर में हर कोई अपना सा नहीं मिलेगा,
कभी न कभी तो अपना भी चेहरा बदलेगा,
इसलिए जीना है तो मुस्कुराना होगा।
✍️मनीषा मीना
हर कोई तुम्हारी खुशी में खुश नहीं होगा,
इसलिए जीना है तो मुस्कुराना होगा।
हर जुबां में शहद नहीं मिलेगा,
लफ्ज़ जो भी पत्थर सा चुभेगा,
टूटकर बिखर जाएगा हृदय
अगर आईने सा होगा,
जीना है तो मुस्कुराना होगा।
गैर में हर कोई अपना सा नहीं मिलेगा,
कभी न कभी तो अपना भी चेहरा बदलेगा,
इसलिए जीना है तो मुस्कुराना होगा।
✍️मनीषा मीना
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