बिना बाधा का जीवन: समानता से हो संतुलन
भागदौड़ भरी दुनियां में नारी भी लाई विकास।
दिखी उनकी सफलता, काबिलियत और प्रयास।
पर नहीं दिखी उसकी स्वतंत्रता और सकून।
वो जगह बनाने को अभी भी जारी है जुनून।
वो कहते हैं कि अब बराबरी का दौर हैं।
हम सब इंसान हैं, कुछ ऐसा सा शोर हैं।
फिर भी क्यों वो स्थान पाना अभी बाकी है।
क्यों समानता की बाते करना गुस्ताखी हैं।
निःसंदेह, वे भी तारीफ़ और प्रेम की पात्र हैं।
उन्हें सिर्फ सम्मान दो, तो वो भी...