प्रतिभा काकू, सुलभा काकू, सुनीता काकू और आई को समर्पित
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तुमने मुझे जन्म दिया
तुमने सारा प्यार लुटाया।
दुनिया के सारे दुखों से
मुझको तुमने बचाया।
कभी लोरी तो कभी कहानी से,
जीवन का मौलिक पाठ पढ़ाया।
कभी तो दोस्त कभी साथी
रहकर, तुमने दिल में स्नेह जगाया।।
ये कर्ज न चुका सकूंगा कभी।
ईश्वर ने तेरा कर्जदार बनाया।।
रहो खुश सदा जहां भी रहो।
तुमने अपरम्पार प्यार है, लुटाया।।
प्रतिभा, सुलभता, बुद्धि(सुनीता), गर्व(वनिता) का भाव तुमसे ही आया
भगवान राम की ३ मां थी।
मैने ४ मां का स्नेह पाया।।
आज मैने अपने आप को आपको।
आपके मार्गदर्शन से ही समझ पाया।।
अपने जीवन मैने तुझको।
गुरु से बड़ा स्थान है पाया।।