...

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उन्मुक्त पंछी
उड़कर पंछी मुक्त गगन में,
सुर फैलाए चहुं ओर पवन में,
कलकल करते तरू विटप में,
रंग बिरंगे प्यारे प्यारे,
लगते सबको न्यारे न्यारे,
उपवन की शोभा अति प्यारी,
पत्ती पत्ती डाली...