...

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◆◆ खुशी और संतुलन ◆◆
खुशी आंदोलन में है ,
दो चरणों के बीच की तरलता में है और कहीं नहीं ,
मेरे सामने समुद्र में हज़ारों चिंगारियाँ हैं ,
मेरे पीछे हजारों मायावी विचार हैं ,
ख़ुशी संतुलन में है,,
और कहीं नहीं !!


© निग्रह अहम् (मुक्तक )