सपने अपने-अपने
इस दुनिया में सपने अपने-अपने है।
नही जानता कोई किसके कितने है।
हर कोई अपने अंदाज में सोच रहा।
कल कोई तो कोई आज में सोच रहा।
कोई किसी से दिल की बात न करता है।
हर कोई अपने के मस्त यूं रहता है।
अपनो से भी अपने दूरी में रहते है।
साथ वो बस अब मजबूरी में रहते है।
कोई बीच राह में ही थक जाता है।
जो मेहनत करता है मंजिल पाता है।
© Ank's
नही जानता कोई किसके कितने है।
हर कोई अपने अंदाज में सोच रहा।
कल कोई तो कोई आज में सोच रहा।
कोई किसी से दिल की बात न करता है।
हर कोई अपने के मस्त यूं रहता है।
अपनो से भी अपने दूरी में रहते है।
साथ वो बस अब मजबूरी में रहते है।
कोई बीच राह में ही थक जाता है।
जो मेहनत करता है मंजिल पाता है।
© Ank's