...

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जो साथ न है

पहली नजर में जो देखा तुझे
सबसे बड़ा चुटिया लगा तू मुझे
अपनी मुलाकात में तेरी हसी न रुक रही
चेहरे से तेरे झलकती है बेफिक्री
देखन में तू था न कुछ खास
जीता था तू जिंदगी एकदम बिंदास

लगा न था तू हो जायेगा इतना करीब
क्या पता था तू था इतना गरीब
तेरी आंखो से झलकती थी ठरक
बेझिजक पार कर लेता था तू सड़क

पता नहीं क्या जादू था तुझमें
जो देखा तूने एक दोस्त मुझमें
शायद युही करली थी तूने मुझसे उस दिन बात
आज भी याद है मुझे तुझसे पहली मुलाकात

अब तेरी आदत सी पड़ गई है
तेरे यारी मेरे सर चढ़ गई है
बोहोत कुछ है कहने को, जताने को
लगेंगे बरसो सब कुछ बताने को
बस चलते रहो साथ मेरे, बनाते हैं थोड़ी और याद
खुश हुं मिलके तुझसे, दिल में रखना मुझे बिछरने के बाद




© Shashwat Jha