khud ke liye Apnapan..
दिवारो में कैद, कुछ-कुछ सोचता रहता हूं मैं
कुछ पाने की मुझे भूख तो है
जुबान से चुप, आंखों से देखता हूं, और अपने आप से बोलता रहता हूं मैं
इस आज़ादी की नाम की हवा, मैं...
कुछ पाने की मुझे भूख तो है
जुबान से चुप, आंखों से देखता हूं, और अपने आप से बोलता रहता हूं मैं
इस आज़ादी की नाम की हवा, मैं...