...

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बाबा अड़भंग
हउवे अड़भंग पिये गांजा अउरी भंग
अंग भभूत रमावेला ।
करिले गोहारि छोड़ी हिम के पहाड़ी
उ त भागि चलि आवेला ।
राखे भाल पे उ काल हवे रूप बिकराल
राखे जटवा में अपना गंग ।
भंग अड़भंग अड़भंग अड़भंग ।
भंग अड़भंग अड़भंग अड़भंग ।

हवे बड़ी मजबूत ओके दिल अनकूत
जउ मांगी पहुँचावेला ।
करे हमरो उद्धार उ त आवे हर बार
प्यार बहुते लुटावेला ।
हवे गोड़वा उघार गरे सांप फुफकार ...