...

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उठो पुत्री
उठो पुत्री!
जयघोष करो,
हिम्मत का उदघोष करो,
ना तजो, स्वाभिमान को,
अपना कंधा जबरदस्त करो।

पहली बार ही जब हाथ उठे,
उसे पकड़ कर पस्त करो,
बचा लो अपना अस्तित्व,
ना झुको उसे परास्त करो।

उठो पुत्री!
हुंकार भरो,
अत्याचारी को विध्वंस करो,
ना डरो, परेशानियों से,
अपना मनोबल सुदृढ़ करो।

© Jyoti Dhiman