Shayari ka andaj Tumhare pyaar ke sath
Shayari ka andaj
Tumhare
pyaar ke sath
जहाँ नजर डाले अंगड़ाई लेती हैं बाहे
हवा भी जैसे तेरे दामन से लिपट के हुई बेकरार
फिजाओ के संग कलियों सा ख्वाब देखता हूँ
अरमानों के बीच में मैं तुम्हें देखता हूं
गमो के इतने क़हर टूटे है फिर भी ज़िन्दा है
ये जिंदगी हम तुमसे जिंदगी भर रुठे है
बाँग में फिजा आती नहीं
कोई नहीं ऐसा गुल जो मुरझाता नहीं
हर जख्म रुला जाते है मेरी सांसों को
बस तुम्हें देख कर ही मैं जी लेता हूँ
तुम सम्मा जला के रखना हम जलने आएंगे
तुम पलकें बिछाकर रखना हम मिलने आएंगे
तुम फूल सजा के रखना हम खिलौने आएंगे
तुम मुस्कुराते हुए मिलना हम खुशियां लाएंगे
होठों पर लाली लगा के रखना हम रंगने आएंगे
पैरों में पायलिया पहन के रखना हम सुनने आएंगे
तेरे गोलू सी हंसी रंगी शाम तेरे संग बिताऐंगे
तेरे केशुओ के साय में हम सोने आएंगे
तेरी आंखों से हम इतनी पी के जाएंगे
फिर सारी जिंदगी होश में ना आएंगे
तुम बढ़ाओ ना जमाने में कौनऊबात
फिर हमें भी गुस्सा आ जाता
चली जब मायके तो रोजाना
कलेजा फड़ फड़ात
सीधे बचा के कलेजा
बहाँ से निकल जाओ
हमाये इतै लिंघते लगे चले आओ
ज्यादा यहां अकड़ ना दिखाओ
तुम बढ़ाओ ना जमाने में कौनऊबात
फिर हमें भी गुस्सा आ जाता
© All Rights Reserved
Tumhare
pyaar ke sath
जहाँ नजर डाले अंगड़ाई लेती हैं बाहे
हवा भी जैसे तेरे दामन से लिपट के हुई बेकरार
फिजाओ के संग कलियों सा ख्वाब देखता हूँ
अरमानों के बीच में मैं तुम्हें देखता हूं
गमो के इतने क़हर टूटे है फिर भी ज़िन्दा है
ये जिंदगी हम तुमसे जिंदगी भर रुठे है
बाँग में फिजा आती नहीं
कोई नहीं ऐसा गुल जो मुरझाता नहीं
हर जख्म रुला जाते है मेरी सांसों को
बस तुम्हें देख कर ही मैं जी लेता हूँ
तुम सम्मा जला के रखना हम जलने आएंगे
तुम पलकें बिछाकर रखना हम मिलने आएंगे
तुम फूल सजा के रखना हम खिलौने आएंगे
तुम मुस्कुराते हुए मिलना हम खुशियां लाएंगे
होठों पर लाली लगा के रखना हम रंगने आएंगे
पैरों में पायलिया पहन के रखना हम सुनने आएंगे
तेरे गोलू सी हंसी रंगी शाम तेरे संग बिताऐंगे
तेरे केशुओ के साय में हम सोने आएंगे
तेरी आंखों से हम इतनी पी के जाएंगे
फिर सारी जिंदगी होश में ना आएंगे
तुम बढ़ाओ ना जमाने में कौनऊबात
फिर हमें भी गुस्सा आ जाता
चली जब मायके तो रोजाना
कलेजा फड़ फड़ात
सीधे बचा के कलेजा
बहाँ से निकल जाओ
हमाये इतै लिंघते लगे चले आओ
ज्यादा यहां अकड़ ना दिखाओ
तुम बढ़ाओ ना जमाने में कौनऊबात
फिर हमें भी गुस्सा आ जाता
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