Shayari ka andaj Tumhare pyaar ke sath
Shayari ka andaj
Tumhare
pyaar ke sath
जहाँ नजर डाले अंगड़ाई लेती हैं बाहे
हवा भी जैसे तेरे दामन से लिपट के हुई बेकरार
फिजाओ के संग कलियों सा ख्वाब देखता हूँ
अरमानों के बीच में मैं तुम्हें देखता हूं
गमो के इतने क़हर टूटे है फिर भी ज़िन्दा है
ये जिंदगी हम तुमसे जिंदगी भर रुठे है
बाँग में फिजा आती नहीं
कोई नहीं ऐसा गुल जो मुरझाता नहीं
हर जख्म रुला जाते है मेरी सांसों को
बस तुम्हें देख कर ही मैं जी लेता हूँ
तुम सम्मा जला के रखना हम...
Tumhare
pyaar ke sath
जहाँ नजर डाले अंगड़ाई लेती हैं बाहे
हवा भी जैसे तेरे दामन से लिपट के हुई बेकरार
फिजाओ के संग कलियों सा ख्वाब देखता हूँ
अरमानों के बीच में मैं तुम्हें देखता हूं
गमो के इतने क़हर टूटे है फिर भी ज़िन्दा है
ये जिंदगी हम तुमसे जिंदगी भर रुठे है
बाँग में फिजा आती नहीं
कोई नहीं ऐसा गुल जो मुरझाता नहीं
हर जख्म रुला जाते है मेरी सांसों को
बस तुम्हें देख कर ही मैं जी लेता हूँ
तुम सम्मा जला के रखना हम...