डर
यह दो आंखे मिली हैं खुदा से
इन आंखों में सपने सजा तो सही,
होके आजाद परिणाम से
कुछ करने की चाह तू जगा तो सही।
संपूर्ण निष्ठा,स्वाभिमान से
एक झांक मन में तू लगा तो सही,
क्या बो हो रहा जो तू चाहता...
इन आंखों में सपने सजा तो सही,
होके आजाद परिणाम से
कुछ करने की चाह तू जगा तो सही।
संपूर्ण निष्ठा,स्वाभिमान से
एक झांक मन में तू लगा तो सही,
क्या बो हो रहा जो तू चाहता...