जब हम!
सिकन ये तेरे सिर पे कैसी,
या खोई हो किसी मुस्लिमें।
कशिश है कोई,
तेरी आंखों की मेहफ़िल में।
ढूंढे मुझे हर बेहोशी में,
फिरभी पीछा ना...
या खोई हो किसी मुस्लिमें।
कशिश है कोई,
तेरी आंखों की मेहफ़िल में।
ढूंढे मुझे हर बेहोशी में,
फिरभी पीछा ना...