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अस्तित्व
अस्तित्व
औरों का आकलन
जब आपका 'अस्तित्व'
ठहराता है
औरों के एक उद्गार से
जब आपका दिन बन
जाता है
ऐसे ही किसी उद्गार से
चेहरा उतर जाता है ।
औरों की ओर ताकने में
तब गुजरता है जीवन
अपनी ही क्षमता से
इंसा अनभिज्ञ रह जाता है ।।
स्वरचित © ओम'साई' २०.०७.२०२१
© aum 'sai'
औरों का आकलन
जब आपका 'अस्तित्व'
ठहराता है
औरों के एक उद्गार से
जब आपका दिन बन
जाता है
ऐसे ही किसी उद्गार से
चेहरा उतर जाता है ।
औरों की ओर ताकने में
तब गुजरता है जीवन
अपनी ही क्षमता से
इंसा अनभिज्ञ रह जाता है ।।
स्वरचित © ओम'साई' २०.०७.२०२१
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