...

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मां
मुझे यह ऑनलाइन वाला प्यार
करना नही आता मां
बस तुम जोर से डांट दो
मेरा तो वही दिन खास है मां

मेरी हर गलती पर तुम सजा
देती हो
जो हु गुस्सा तो तुम मना लेती हो मां
मुझे यू एक दिन में तुम्हे सिमटाना
नही आता मां,,,, जबकि मेरा हर
दिन तो तुमसे है मां

कभी रुलाती हो कभी हसाती हो मां
कभी जादू की पुड़िया बन जाती हो
तो कभी मेरे लिए मेरी गुड़िया बन जाती हो मां
कभी मां हो तो कभी मेरी सहेली हो
तुम मेरी हंसी हो तुम मेरी खुशी हो मां
कभी जन्नत हो तो कभी बिना धागे बंदे मिली
मन्नत हो मां
✍️Priya




© Priya sharma