अफसाने
#LyricPoetry
अफसाना जो मैं लिखता हूं, कुछ सोचता मैं नहीं कुछ जानता ही नहीं बातें यूं तो हज़ार करता हूं, और तुझे पहचानता भी नहीं ।
अफ़साने में तुम हमारे, एक ख़्वाब साहो...
अफसाना जो मैं लिखता हूं, कुछ सोचता मैं नहीं कुछ जानता ही नहीं बातें यूं तो हज़ार करता हूं, और तुझे पहचानता भी नहीं ।
अफ़साने में तुम हमारे, एक ख़्वाब साहो...