...

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जाने दो जो चला गया.....
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
कितने नयनों को रुला गया।

जाने दो जो चला गया.....

जो ठहर गया था अंतस में,
उस सुप्त प्रेम को जगा गया।
याद दिला का अपनी बातें,
मुझको कैसे वह भुला गया।

जाने दो जो चला गया.....

वो निर्मोही, छलिया सा,
मोह में मुझको फंसा गया।
दिल में मेरे प्रीत जगा के,
प्रेम का रोग वह लगा गया।

जाने दो जो चला गया.....

प्यासा छोड़ के मरुस्थल में,
अपनी प्यास वह बुझा गया।
भंवरा था, हरजाई था वह,
क्यों कलियों को खिला गया।

जाने दो जो चला गया.....
@Pankaj_bist_ruhi

© Pankaj Bist 'Ruhi'