...

9 views

उमंग
बचपन मे सुना था जिंदगी एक सफर है सुहाना,
पर अब ज़िंदगी को कोसने के लिए ढूंढते है बहाना,
बचपन की बातें यादों मे बदल सी गयी,
जिंदगी सफर से बाधन बन कर रह गयी,
कहा बचपन मे हर पल खुशी का होता था,
क्या पता था यह पल सिर्फ बचपन मे होना था,
अब खुशी मिलती नही बनानी पढ़ती है,
जिंदगी हर तरह से बितानी पढ़ती है।
सफर इसका सुहाना होगा या नही,
सोचने का भी अब किसी को वक़्त नही,
जिंदगी संवारने मे किसी को होश नही,
ज़िंदगी मे भागते वही जीना जो जानते नही।
-निकिता🌸

© nikita