तेरी मोहब्बत में गिरफ्तार हूं मैं बरसो से... ❤️
तेरी मुहब्बत में गिरफ्त हूं मैं बरसों से
और फिर तुझसे महुब्बत हुयी जाती है!
ख़तावार है जान शायद ये आंखें तेरी
और इन्हें देख मुझसे ख़ता हुयी जाती है!
तेरा नाम भी लेते हैं हम खामोश नजरों से
और सुना है ज़माने को खबर हुयी जाती है!
छू लेती है तेरी आवाज़ भी मेरे जिस्म को
और बातों में ही तुझसे मुलाकात हुयी जाती है!
तेरा ख्वाब गुनाह है इन शोख आंखों में
और नींद को भी इसकी आदत हुयी जाती है!
तेरी तलब लगी है कमबख्त इस दिल को
और तेरे इंतजार की हमें लत हुयी जाती है!
~P.s
और फिर तुझसे महुब्बत हुयी जाती है!
ख़तावार है जान शायद ये आंखें तेरी
और इन्हें देख मुझसे ख़ता हुयी जाती है!
तेरा नाम भी लेते हैं हम खामोश नजरों से
और सुना है ज़माने को खबर हुयी जाती है!
छू लेती है तेरी आवाज़ भी मेरे जिस्म को
और बातों में ही तुझसे मुलाकात हुयी जाती है!
तेरा ख्वाब गुनाह है इन शोख आंखों में
और नींद को भी इसकी आदत हुयी जाती है!
तेरी तलब लगी है कमबख्त इस दिल को
और तेरे इंतजार की हमें लत हुयी जाती है!
~P.s
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