...

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कभी और सुनाऊंगा फिर।।
कभी और सुनाऊंगा फिर
वोह बाते जो उनपे आधारित हे,
कभी और सुनाऊंगा फिर
वोह यादें जो उनका याद दिलाता हे
कभी और सुनाऊंगा फिर।।

मेरे आस में गहरी तन्हाई की कास में
बीती हुई हर बिसवास में
जो निसान दिया हे,
उस निसान भरी घाव् की कहानी
कभी और सुनाऊंगा फिर।।

गमों की बदलो में उगता सूरज जैसी
उन पर जागता जज्बातों की कहानी
कभी और सुनाऊंगा फिर।।

वक्त् मिला तो सारे इल्जाम
जो खुद पे लाया हूं
कभी वोह भी सुनाऊंगा फिर,

उनकी तारीफ भरी जख्मों की कहानी
हांस कर रुला देनेवाली ख्वाबों की कहानी
कभी और सुनाऊंगा फिर।।

काल की दरिया में
मिलने का मौका मिला
तो जरूर सुनाऊंगा फिर,
दिल में दफनी हर शिकायत्
कभी और सुनाऊंगा फिर।।
© SDC