औकात किसकी कितनी
कह दो उस तूफान से कि जिसने मेरा घौंसला उड़ाया है
उसकी औकात नहीं है कि वो मेरा हुनर छीन ले जो मेरी माँ ने सिखाया है
माना कि वो जीत गया है एकबार, मगर मेरा हौसला नहीं हराया है
सोचें गर ध्यान से तो तूफान का भी मैंने फायदा उठाया है
तोड़ दिया है जो उसने, उससे मजबूत घर बनाया...
उसकी औकात नहीं है कि वो मेरा हुनर छीन ले जो मेरी माँ ने सिखाया है
माना कि वो जीत गया है एकबार, मगर मेरा हौसला नहीं हराया है
सोचें गर ध्यान से तो तूफान का भी मैंने फायदा उठाया है
तोड़ दिया है जो उसने, उससे मजबूत घर बनाया...