...

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ईश्वर कब ख़ुशियों से झोली भर दें ..
ख्वाबों में गुजर रहे दिन रात !
खयालों में पक रहे पुलाव !
हकीकत में मंजिल का पता नहीं !!

मुलाकात तुमसे होगी भी या नहीं !
दिल बहलाने को ख्वाब है मगर
ख्वाबों की सीमा-रेखा पता नहीं !!

मिलन के बहाने रोज़ ढूँढता दिल !
कहाँ ,कब ,कैसे होगा संगम हमारा ,
बहे जा...