आक! की अभिलाषा
काश! मैं फलदार वृक्ष होता
बच्चों को फल देता पशु-पक्षियों को छाँह देता
अपने इस छाँह में. राहगीरों को पनाह देता
अपनीं बाहों में झूला झूलाता इंसान को इंसानियत से वाकिफ कराता
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बच्चों को फल देता पशु-पक्षियों को छाँह देता
अपने इस छाँह में. राहगीरों को पनाह देता
अपनीं बाहों में झूला झूलाता इंसान को इंसानियत से वाकिफ कराता
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