सारे दिन उसके
सारे दिन उसके है
ये रात मेरी है
इस रात में भी तुम गैर लग रही हो
बताओ भला बात कैसी है
आज हाथ थामकर भी तुम्हारा
दिल को अहसास नहीं हो रहा है
तू पास है मेरे
फिर क्यों दूर लग रहा है
आज मैं हार गया हूँ और कोई जीत गया है
तुम दिलाशा देखने आयी हो
रिश्ते का
ये बंधन तो कब का टूट चुका है
मेरे...
ये रात मेरी है
इस रात में भी तुम गैर लग रही हो
बताओ भला बात कैसी है
आज हाथ थामकर भी तुम्हारा
दिल को अहसास नहीं हो रहा है
तू पास है मेरे
फिर क्यों दूर लग रहा है
आज मैं हार गया हूँ और कोई जीत गया है
तुम दिलाशा देखने आयी हो
रिश्ते का
ये बंधन तो कब का टूट चुका है
मेरे...