...

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सारे दिन उसके
सारे दिन उसके है
ये रात मेरी है
इस रात में भी तुम गैर लग रही हो
बताओ भला बात कैसी है

आज हाथ थामकर भी तुम्हारा
दिल को अहसास नहीं हो रहा है
तू पास है मेरे
फिर क्यों दूर लग रहा है
आज मैं हार गया हूँ और कोई जीत गया है
तुम दिलाशा देखने आयी हो
रिश्ते का
ये बंधन तो कब का टूट चुका है

मेरे पास जीने की वजह सिर्फ तुम थी
कोई मेरी जिंदगी ले गया है
तुम्हारे आंखों में खुशियों के सपने दिख रहें
मेरी राहों का सुकून चला गया है

तुझे बेवफा कहना ठीक नहीं होगा
तू इससे भी हद से गुज़र गया है
मेरा दिल तेरे लिए खिलौना था
तू खूब इस दिल के साथ खेल गया है

मैंने तेरे सिवा तुझसे कुछ नहीं मांगा
तू है कि मेरी जिंदगी बर्बाद कर गया है
अब ना समझ नहीं रहा
कन्हा दस्तूर मोहब्बत का जान गया है

ये सारे दिन उसके है
ये रात मेरी है
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