क्यों साल में बस इक दिन, नव वर्ष मनाना है
हर रात को जाना है, हर सुब्ह को आना है
हर सुब्ह नया है जो, हर शाम पुराना है
हर रोज़ बदलनी है, तारीख़ यहाँ पर तो
हर दौर बदलना है, हर दौर निभाना है
हर जन्म यहाँ उत्सव, हर मौत यहाँ जलसा
अपनों को बुलाने का, बस एक बहाना है
टालो नहीं कुछ कल पर, कल...
हर सुब्ह नया है जो, हर शाम पुराना है
हर रोज़ बदलनी है, तारीख़ यहाँ पर तो
हर दौर बदलना है, हर दौर निभाना है
हर जन्म यहाँ उत्सव, हर मौत यहाँ जलसा
अपनों को बुलाने का, बस एक बहाना है
टालो नहीं कुछ कल पर, कल...