एक ग़ज़ल गुनगुनाना हुआ
जब से दिल का लगाना हुआ
एक गली में ठिकाना हुआ
हम तो आँखों से मारे गए
वज़ह घूँघट उठाना हुआ
दिल को तन्हा जो सबने किया
फिर तेरा आना-जाना...
एक गली में ठिकाना हुआ
हम तो आँखों से मारे गए
वज़ह घूँघट उठाना हुआ
दिल को तन्हा जो सबने किया
फिर तेरा आना-जाना...