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छुहन प्यार की
इश्क का एहसास मुझे,तेरी पहली छुहन ने कराया था
कांप रही थी मैं,जब तूने मुझे गले से लगाया था
कच्ची डोर सी तेरी तरफ़ खींची चली आयी थी मैं
पर मन ही मन में बड़ी सकुचाई थी मैं
तेरा गले लगाना मुझको जला रहा था
प्यार करना तेरा,, मेरी प्यास को और बढ़ा रहा था
महोब्बत में चूर होके मैंने लाज शर्म सब गंवाई थी
तेरे सुरूर में मैंने दुनिया भुलाई थी
© prashali✍️
कांप रही थी मैं,जब तूने मुझे गले से लगाया था
कच्ची डोर सी तेरी तरफ़ खींची चली आयी थी मैं
पर मन ही मन में बड़ी सकुचाई थी मैं
तेरा गले लगाना मुझको जला रहा था
प्यार करना तेरा,, मेरी प्यास को और बढ़ा रहा था
महोब्बत में चूर होके मैंने लाज शर्म सब गंवाई थी
तेरे सुरूर में मैंने दुनिया भुलाई थी
© prashali✍️
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