इन अधरों पे ......
सास सास जीवन बने प्रीत प्रीत संग प्रेम
ऐसा कोन इस जगत मैं ठाय वाय बिन चैन
एक शब्द एक सूर ही एक दीप एक जल ही
मैल ताल से रचना होवै धाक धध क से अनुभँध पीरोये ॥
रचना मेरी अनुपम संग साजे हित जाल से संग बिराजे ॥
ये शुभं घडी बिन रैना सप्थ्षुभ से जोडं...
ऐसा कोन इस जगत मैं ठाय वाय बिन चैन
एक शब्द एक सूर ही एक दीप एक जल ही
मैल ताल से रचना होवै धाक धध क से अनुभँध पीरोये ॥
रचना मेरी अनुपम संग साजे हित जाल से संग बिराजे ॥
ये शुभं घडी बिन रैना सप्थ्षुभ से जोडं...