तुम्हारी मोहब्बत में।
तुम्हारी मोहब्बत में एक आशिया ना बनाया
ईंट, पत्थरो से नहीं जज्बातों से सजाया है,
है तो नहीं महलों सा घर मेरा,
प्रत्यक्ष पहुंचे तेरे दिल को इतना ही...
ईंट, पत्थरो से नहीं जज्बातों से सजाया है,
है तो नहीं महलों सा घर मेरा,
प्रत्यक्ष पहुंचे तेरे दिल को इतना ही...