...

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हम भी अभिमन्यु जैसे हैं........
संघर्षों की समर भूमि में, हमसे पूछो हम कैसे हैं,
कालचक्र के चक्रव्यूह में, हम भी अभिमन्यु जैसे हैं।💯

थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै,
इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है...

पर ऐसा भी नही हैं कि अब,
मैंने चलना ही छोड़ दिया है...

हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ,
खुद को अपनों की ही भीड़ में...

पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने…
अपनापन ही छोड़ दिया है...😊