ओस की एक बूंद हैं "बेटियाँ"
ओस की एक बूंद सी होती हैं बेटियाँ
स्पर्श खुरदरा हो तो रों देती हैं बेटियाँ
रोशन करेगा तो बेटा बस एक ही कुल को,
दो-दो कुलो की लाज़ होती हैं बेटियाँ
बेटियाँ नही हैं...
स्पर्श खुरदरा हो तो रों देती हैं बेटियाँ
रोशन करेगा तो बेटा बस एक ही कुल को,
दो-दो कुलो की लाज़ होती हैं बेटियाँ
बेटियाँ नही हैं...