सपने
सपने तो बस सपने होते हैं..
ये कहाँ किसी के अपने होते हैं...
आँख खुले तो वो टूट जाते हैं..
कभी हंसते, कभी डराते है...
कभी आखों में आँसू छोड़...
ये कहाँ किसी के अपने होते हैं...
आँख खुले तो वो टूट जाते हैं..
कभी हंसते, कभी डराते है...
कभी आखों में आँसू छोड़...