...

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#kashti
चाँद मेरा अब नहीं,आसमान में है कंही.
दर्दो में लिपटी राते हैं,राहत की मिले ना रौशनी.
हमे डूब ही जाना था,लहरो पे बना जो ठिकाना था,
किनारो से सिकायत क्या,कश्ती मे कोई दीवाना था
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© amitsingshayar_