...

3 views

मोहब्बत
एक अरसा हुआ तेरे जाने का
उम्मीद लाख टूटी मोहब्बत को बचाने का
सारा जमाना मेरे से तंग थे
मुझे तेरे पास आने का
मैं लौटा न घर अपने
परिंदे की तरह
लोगो ने मुझे बहुत सताया
कभी दाने डाले तो फंदे से फसाया
मैं तो मोहब्बत का मारा था
मुझे मर जाने का कहा गम था

© rsoy