...

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क्या हकीकत क्या सपना आ तुझको दिखाऊं।।
क्या सपना है क्या हकीकत आ तुझको बताऊं।
दिल में अरमानों की आस लिए तुझसे ये जताऊ।

कह दे अगर तू मुझसे कोइ गीत तुझे सुनाऊं।
सपनो में चल के तुझे ख्वाब ज़िन्दगी के दिखाऊं।

क्या सपना है क्या हकीकत आ तुझको बताऊं।।
अगर तुझको यकीं ना हो तो तारो को तोड़ ले आऊ।

कोशिश बस यही की चांद के पार ले जाऊं।
खुशियां सारे तुझको दे दू मै अपने मै हर एक दर्द उठाऊ।

क्या सपना क्या हकीकत आ तुझको बताऊं।।
की तेरी इज्जत की खातिर मै लोगो से लड़ जाऊ।

कोई ख्वाहिश बाकी ना हो ऐसे साथ निभाऊ।
बस एक ही लफ्ज़ मै बार बार दोहराउ।

© navneet chaubey