...

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दर्द हमसफर है।
मैने दर्द से पूछा तुम इस तरह सताते क्यो हो।
तन्हाई में बार -बार जख्मों पर नमक लगाकर रुलाते क्यों हो॥
दर्द तो वफा निभाता रहा उम्रभर ।
चन्द पल खुशी पाकर खुद को बेवफा बनाते क्मो हो ॥
दर्द और खुशी दोनो के असर अलग खुशी में खुश होकर इस दर्द को छुपाते क्यो हो ॥
दर्द साथ साय की तरह चलता रहा अँधेरे में डरकर मुह छुपाते क्यों हो ॥
समझौता गमों से कर के जियो " शकुन"
चिरागों के बुझने से पहले सिर झुकाते क्यो हो ॥

© shakuntala sharma