अपना जीवन
वो एक फूल ऐसा भी
जो डाली से टूट कर
आया था किसी के हाथों में।
सोचा ना था उसकी मंजिल क्या है,
कभी किसी का श्रंगार बना
कभी किसी का प्यार
कभी सजा वह गजरे में,
कभी गले का हार।
किसी...
जो डाली से टूट कर
आया था किसी के हाथों में।
सोचा ना था उसकी मंजिल क्या है,
कभी किसी का श्रंगार बना
कभी किसी का प्यार
कभी सजा वह गजरे में,
कभी गले का हार।
किसी...