...

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खोखले आडम्बर
भले ख़ूबसूरत था समां,
पर,करें थीं फ़िज़ाएं कुछ अलग बयां।
थे,मायूसियों के बादल,
भिगोये नयन लगा, अनूठा "काजल"।

मदमस्त थीं खूब बहारें,
मगर चिराग़े-मुर्दः की मिलीं "कतारें"।...