☺️🌺♥️है तो है♥️🌺☺️
ठुकराया तुमने तोहफ़ा, ग़ुलाब
और ये नाचीज़ ग़ुलाम,
क्या फ़र्क पड़ता है ग़ुलाम को,
तुम्हारा ग़ुलाम है तो है,
अब कैसे अपना नाज़ुक दिल
खोल कर दिखलाएं तुम्हें,
तुम कहते हो इसे इश्क इक-तरफ़ा,
इक-तरफ़ा सही, है तो है,
अपनी ईमानदारी का दस्तावेज़
कहां से लाएं बोलो,
न मानो वो मर्ज़ी तुम्हारी, हम
ईमानदार रूह हैं तो हैं,
तुम्हें हरगिज़ यकीन नहीं कि मेरा
ख़ुदा मेरे रूबरू है,
तुम मानते नहीं तो क्या, मेरा ख़ुदा
मेरे रूबरू है तो है!
🌺🌺🌺
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal
और ये नाचीज़ ग़ुलाम,
क्या फ़र्क पड़ता है ग़ुलाम को,
तुम्हारा ग़ुलाम है तो है,
अब कैसे अपना नाज़ुक दिल
खोल कर दिखलाएं तुम्हें,
तुम कहते हो इसे इश्क इक-तरफ़ा,
इक-तरफ़ा सही, है तो है,
अपनी ईमानदारी का दस्तावेज़
कहां से लाएं बोलो,
न मानो वो मर्ज़ी तुम्हारी, हम
ईमानदार रूह हैं तो हैं,
तुम्हें हरगिज़ यकीन नहीं कि मेरा
ख़ुदा मेरे रूबरू है,
तुम मानते नहीं तो क्या, मेरा ख़ुदा
मेरे रूबरू है तो है!
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—Vijay Kumar
© Truly Chambyal
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