# बेदर्द ज़माना
दुनिया की सोच...
न कहता कुछ, न हंसता है,कितना गुरूर लगता है,
लगाया दोष दुनिया ने, बहुत मगरुर लगता है।
वास्तविकता ...
ज़माने का सताया वह, सभी से दूर...
न कहता कुछ, न हंसता है,कितना गुरूर लगता है,
लगाया दोष दुनिया ने, बहुत मगरुर लगता है।
वास्तविकता ...
ज़माने का सताया वह, सभी से दूर...