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बेचैनी 💞
नजरों के पास रहते हो तो सुकून से रहते है।
एक पल की तकलीफ भी बेचैन कर देती है।
क्या कहूँ ये बताना कहाँ आसान है तुम्हें,
करीब आते ही बस में कहाँ ये धड़कने है।।
जानते सब हो मगर कहते कुछ कहाँ हो।
अपनी नजरों में हमें देखते कहाँ हो।
राज दिल के कब तक छुपा कर रखोगे।
अपने हमराज़ से कब तक दूर रहोगे।
© Niharik@ ki kalam se✍️
एक पल की तकलीफ भी बेचैन कर देती है।
क्या कहूँ ये बताना कहाँ आसान है तुम्हें,
करीब आते ही बस में कहाँ ये धड़कने है।।
जानते सब हो मगर कहते कुछ कहाँ हो।
अपनी नजरों में हमें देखते कहाँ हो।
राज दिल के कब तक छुपा कर रखोगे।
अपने हमराज़ से कब तक दूर रहोगे।
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