...

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मैं देख रहा हूँ…शाम ढलते हुए
देख रहा हूँ…

मैं
देख रहा हूँ
इस शाम को ढलते हुए

जो
कभी
गुजरती थी तुम्हारे आग़ोश में
तुम्हारे गेसुओं से खेलते हुए

याद है उस शाम
जब तुम
जा रही थीं मुझसे हाथ छुड़ाते हुए

और मैं
देख रहा था तुम्हें
उन उदास नज़रों से जाते हुए

जानती हो
उस दिन भी
ढल रही थी ये शाम
यूँ ही
उदास और बेसबब
जिस तरह ढल रही है फिर….

#हसरतों_के_दाग
© theglassmates_quote