गुजर जायें तो अच्छा है....
पल चार ही सुख के जो गुजर जायें तो अच्छा है
या आज अभी इस पल हम मर जायें तो अच्छा है
ये आंखें ,गुर्दे ये जिगर भी कोई बीमार को दे दो
काम मरने पे किसी के भी गर आयें तो अच्छा है
कोई नहीं भटकता घर वाला गलीयों में शहर में
हम दर बदर भटक कर ये भी कर जाएं तो अच्छा है
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या आज अभी इस पल हम मर जायें तो अच्छा है
ये आंखें ,गुर्दे ये जिगर भी कोई बीमार को दे दो
काम मरने पे किसी के भी गर आयें तो अच्छा है
कोई नहीं भटकता घर वाला गलीयों में शहर में
हम दर बदर भटक कर ये भी कर जाएं तो अच्छा है
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