मैं तुझमें ❤ही हूँ..!
मेरे मकान का पता है सबके पास
पर मैं तो तुझमे ही बसती हूँ.....
यूँ तो कुछ भी नहीं है मेरे पास
बस एक दिल तेरे नाम का रखती हूँ... !
तेरा अक्स रहता है अक्सर मेरे साथ
मैं उसमें , तुझे ही महसूस करती हूँ....
हँसती हूँ, रोती हूँ, जीती हूँ मैं तेरे साथ
मैं तुझसे ही मोहब्बत करती हूँ....!
जुड़ी हूँ तुझ संग ऐसे मैं, जैसे हर लम्हा मैं तुझ संग गुज़ारती हूँ...
माना की होती है तड़प...
पर मैं तो तुझमे ही बसती हूँ.....
यूँ तो कुछ भी नहीं है मेरे पास
बस एक दिल तेरे नाम का रखती हूँ... !
तेरा अक्स रहता है अक्सर मेरे साथ
मैं उसमें , तुझे ही महसूस करती हूँ....
हँसती हूँ, रोती हूँ, जीती हूँ मैं तेरे साथ
मैं तुझसे ही मोहब्बत करती हूँ....!
जुड़ी हूँ तुझ संग ऐसे मैं, जैसे हर लम्हा मैं तुझ संग गुज़ारती हूँ...
माना की होती है तड़प...