विनती
हे रघुराई ये विनती है मेरी,जो मैं कह रहा हु तुम उसे आज कर दो
फसी नईया मेरी मझधार के बीचे,हे नाथ...
फसी नईया मेरी मझधार के बीचे,हे नाथ...