...

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याद जो आयी माँ ❤️
प्यार शब्द के मायने ,
माँ से बेहतर कौन सिखाये…
हर पीड़ा हंस के जो सह जाये ,
वही तो माँ कहलाये ॥
दिन रात का फ़रक ना जाने ,
बिन बोले हर दर्द पहचाने …
माँ का प्यार आता याद हर बार ,
ज़रा सा भी दुख -दर्द ,कष्ट ,
मिले जो सिरहाने ….
माँ आज भी तेरी याद आयी है ,
आजा मुझे तू गले से लगाने …
बोझ सी लगती है ये ज़िंदगी,
तुझसे दूर रह के ,
राह लगी है अब डगमगाने ….
हाँ ख़ुश हूँ अपनी इस ज़िंदगी में,
दौड़ धूप में ,
ज़िम्मेदारियों में ,
बस तरस गई हूँ
पर माँ …
तेरी हाथ की रोटी को खाने ,
तू भी उदास है,
महसूस होता है मुझे ,
जानती है तू भी ,
दूर ना हो पाई मैं भी कभी,
मीलों की हो दूरी चाहे ,
आँख मूँद के जो देखूँ चेहरा तेरा ,
मिल जाती है फिर हिम्मत ,
बढ़ जाती हूँ फिर से एक बार,
हर फ़र्ज़ निभाने ॥