...

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अकेला चल
तन्हाई के सफ़र में मुस्करा कर चलो
सन्नाटा हो अगर तो गुनगुना कर चलो
सबकुछ समेट लो यहाँ बस वीरानें है
जो कुछ बचाया है सब लुटा कर चलो
कुछ का सफ़र ख़त्म है मंज़िल से पहले
कुछ ने हार मान ली मुश्किल से पहले
कुछ बस लाचार से रह गये मंज़र देख कर
तुम भी हिम्मत बांधों आज़मा कर चलो
तन्हाई के सफ़र में मुस्करा कर चलो
सन्नाटा हो अगर तो गुनगुना कर चलो
माना चुनौती बड़ी है मगर डर के क्या हासिल
जो भी हुया अब आँह भर के क्या हासिल
अब जागो, जानो, बचो और बचाओ सब को
इस सफ़र में जितना हो सके दूरी बना कर चलो
तन्हाई के सफ़र में मुस्करा कर चलो
सन्नाटा हो अगर तो गुनगुना कर चलो

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